उसK प्रेम की बातें
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सफलता प्राप्ति के लिए लगन और मेहनत के बावजूद कई लोगों को अपनी काम पर यकीन नहीं होता और वो किस्मत का दामन थाम सफलता तलाशने में लगे रहते हैं l बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं l
टी वी क्वीन एकता कपूर के बारे तो सभी को पता है कि वो ज्योतिष मत के अनुसार अपने धारावाहको का नाम K अक्षर से रखती हैं और संयोग वश उनके अधिकांश सीरियल बेहद सफल रहे l जिनमें से "क्योंकि सास भी कभी बहू थी", "कहानी घर घर की" जैसे कई टी वी शोज ने इतिहास रच डाले l
ये k अक्षर से प्रेम आज की बात नही वर्षों पुरानी है l उन्नीस सौ साठ
सत्तर के दशक में एक निर्माता निर्देशक हुआ करते थे जिनका नाम था अर्जुन हिंगोरानी l उन दिनों उनके K अक्षर से प्रेम की कहानी सुर्खियों में थी l वैसे तो इन्होंने 60 के दशक में धर्मेंद को साथ लेकर बतौर निर्देशक "दिल भी तेरा हम भी तेरे" बना चुके थे, लेकिन पहली बार जब 1970 में निर्माता निर्देशक के रूप में फिल्म बनाई तो नाम ट्रिपल K से रखा "कब क्यों और कहां "।
बस इस फिल्म के बाद उन्हें K से इस तरह लगाव हो गया कि बाद की सारी फिल्मों के नाम k से रख दिया जैसे कि, कहानी किस्मत की ,खेल खिलाड़ी का, कातिलों के कातिल,करिश्मा कुदरत का,कौन करे कुर्बानी,कैसे कहूं कि प्यार है l
ऐसा नहीं कि ये सारी फिल्में हिट थी इनमे से कुछ औसत और कुछ फ्लॉप भी हुई l उनकी लगभग सभी फिल्मों में धर्मेंद्र थे l इस बीच उन्होंने K से हटकर "सल्तनत " नाम से फिल्म बनाई जो असफल रही l
K से प्रेम की कहानी यहीं खत्म नहीं होती लोकप्रिय निर्माता निर्देशक राकेश रोशन का नाम भी इसमें शामिल हैं l अभिनेता से निर्माता बने राकेश की पहली फिल्म "खुदगर्ज" सुपर हिट क्या हुई उन्होंने अपनी अगली सारी फिल्मों के लिए K को ही लक्की मान लिया लिहाजा उनकी बाकी फिल्मों के नाम का शुरुआती अक्षर k रखा गया l
इनके से कई फिल्में सुपर हिट हुई जैसे कि खून भरी मांग ,किशन कन्हैया,काला बाजार, करण अर्जुन,कहो न प्यार है,कोई मिल गया,कृष सीरीज आदि l
***सुभाष