Monday, October 14, 2024

उसk प्रेम की बातें

 उसK प्रेम की बातें

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सफलता प्राप्ति के लिए लगन और मेहनत के बावजूद कई लोगों को अपनी काम पर यकीन नहीं   होता और वो किस्मत का दामन थाम सफलता तलाशने में लगे रहते  हैं l बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं l

 टी वी क्वीन एकता कपूर के बारे तो सभी को पता है कि वो ज्योतिष मत के अनुसार अपने धारावाहको का नाम K अक्षर से रखती हैं और संयोग वश उनके अधिकांश सीरियल बेहद सफल रहे  l जिनमें से "क्योंकि सास भी कभी बहू थी", "कहानी घर घर की" जैसे कई टी वी शोज ने इतिहास रच डाले l

ये k अक्षर से प्रेम आज की बात नही वर्षों पुरानी है l उन्नीस सौ साठ 

सत्तर के दशक में एक निर्माता निर्देशक हुआ करते थे जिनका नाम था अर्जुन हिंगोरानी l उन दिनों उनके K  अक्षर से प्रेम की कहानी सुर्खियों में थी l वैसे तो इन्होंने 60 के दशक में धर्मेंद को साथ लेकर बतौर निर्देशक "दिल भी तेरा हम भी तेरे" बना चुके थे, लेकिन पहली बार जब 1970 में निर्माता निर्देशक के रूप में फिल्म बनाई तो नाम ट्रिपल K से रखा "कब क्यों और कहां "।

बस इस फिल्म के बाद उन्हें K से इस तरह लगाव हो गया कि बाद की सारी फिल्मों के नाम k से रख दिया जैसे कि, कहानी किस्मत की ,खेल खिलाड़ी का, कातिलों के कातिल,करिश्मा कुदरत का,कौन करे कुर्बानी,कैसे कहूं कि प्यार है l

ऐसा नहीं कि ये सारी फिल्में हिट थी इनमे से कुछ औसत और कुछ फ्लॉप भी हुई l उनकी लगभग सभी फिल्मों में धर्मेंद्र थे l इस बीच उन्होंने K से हटकर "सल्तनत " नाम से फिल्म बनाई जो असफल रही l

K से प्रेम की कहानी यहीं खत्म नहीं होती लोकप्रिय निर्माता निर्देशक राकेश रोशन का नाम भी इसमें शामिल हैं l अभिनेता से निर्माता बने राकेश की पहली फिल्म "खुदगर्ज" सुपर हिट क्या हुई उन्होंने अपनी अगली सारी फिल्मों के लिए K को ही लक्की मान लिया लिहाजा उनकी बाकी फिल्मों के नाम का शुरुआती अक्षर  k रखा गया l

इनके से कई फिल्में सुपर हिट हुई जैसे कि खून भरी मांग ,किशन कन्हैया,काला बाजार, करण अर्जुन,कहो न प्यार है,कोई मिल गया,कृष सीरीज आदि l

***सुभाष

Saturday, August 24, 2024

बॉलीवुड संगीत : कल और आज

 बॉलीवुड संगीत : कल और आज

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हिंदी सिनेमा और उसके गीत संगीत दोनो का अटूट रिश्ता वर्षो पुराना है l एक वो ज़माना था जब  फिल्मों में 10 से 15 गानो का  होना एक आम बात होती थी उसी दौर में कुछ ऐसी फिल्म भी आईं जिनमे उसकी पूरी कहानी बयां करने के लिए एक लंबा सा गीत तैयार किया जाता था l studio में musicians का जमावड़ा होता था l Take  re take होते होते काफी समय बाद recording पूरी होती थी l उन दिनों गाने की recording tape में होती थी l इसे स्पूल रिकॉर्डिंग भी कहते थे l

धीरे धीरे संगीत का रूप बदलता गया l लाइव रिकॉर्डिंग का स्थान कंप्यूटर ने ले लिया l 4 ट्रैक 8 ट्रैक की जगह मल्टी ट्रैक ने ले लिया l

Musicians की भीड़ खत्म हो गई अब उस स्थान पर चंद म्यूजिशियन नजर आते है जो एक ही धुन को कई बार बजाते है और उन्हें अलग अलग layer में रिकॉर्डिस्ट  सजाते है जिससे कि एक वाद्य यंत्र सुन ऐसा लगे  जैसे एक साथ दस बीस instruments बज रहे हों l

बेशक आज की technique पहले से बहुत ज्यादा उन्नत है उसका प्रमाण आज की audio quality से ही लग जाता है लेकिन इसके बावजूद कई ऐसी बातें है जो पुराने गीत संगीत को आज के मुकाबले बीस साबित करते थे l इनमे सबसे प्रमुख बात, गीतों के बोल और उसकी धुन जो एक अद्भुत  मिठास लिए होते थे l यह मिठास आज के गीत संगीत में कहीं फीकी से पड़ने  लगी है l आज अधिकतर गायकी का ढंग पाश्चात्य अंदाज में होने लगा है यही वजह है कि गीत संगीत हिट तो हो रहे हैं पर लंबे समय तक टिकने की काबिलियत खोते जा रहे हैं l

एक खास बात ये भी है कि पुराने दिनों में निर्माता और संगीतकार गायक गायिका का चुनाव करने से पहले ये पता लगाते थे कि , फिल्म में कलाकार कौन है ? अगर नायक अमिताभ या राजेश खन्ना हों तो किशोर कुमार को सबसे उपयुक्त माना जाता था इसी तरह राजेंद्र कुमार के लिए रफी, राजकपूर के लिए मुकेश,कुमार गौरव के लिए अमित कुमार,सन्नी के लिए शब्बीर कुमार,आमिर के लिए उदित आदि l इस चयन  का असर पर्दे पर भी खूब दिखता था l आज भी खाई के पान और ई है बंबई नगरिया जैसे गीतों को सुन यही महसूस होता है कि इस किशोरदा ने नही बल्कि खुद अमिताभ ने गाया हो ,ठीक इसी तरह राज कपूर के लिए मुकेश के गाए गीतों को सुनकर लगता था l लेकिन आज फिल्म का नायक पहला गाना अरिजित की आवाज में गाता है तो दूसरा हिमेश की आवाज में तीसरा किसी और की ... l 

कहने का तात्पर्य आज गाने सिर्फ ऑडियो प्लेटफार्म के लिए ही बनते हैं तभी तो कलाकारों की आवाज से मिलान आज जरूरी नहीं समझा जाता l इसका सबसे बड़ा बैक ड्रॉप यही कि कहीं से भी महसूस नहीं होता कि ये गाना वही कलाकार गा रहा है  जिसपे ये फिल्माया गया हो l

अभी बातें और भी हैं जो अगली मुलाकात में कहूंगा आज के लिए बस इतना ही l

***सुभाष बोस

 

नाम प्रभु का भज ले  बंदे

जीवन रह गया थोड़ा रे

सरपट सरपट भागा जाए

ये है समय का घोड़ा रे

१)काम आज का

 कल पे जो छोड़े

वो न कल कभी पाता है

पछताए फिर लाख बाद में

बीता वक्त न आता है

हाथ नहीं कुछ लगता उसको

मृगतृष्णा में जो दौड़ा रे

सरपट सरपट भागा जाए

ये है समय का घोड़ा रे

2)नाम कमाना बड़ा कठिन है

नाम गंवाना हैं आसान

नही किसी की बद दुआ लो

गलत करो न कोई काम

याद करें जग जिसने खुद को

सत्कर्मों से जोड़ा रे

सरपट सरपट भागा जाए

ये है समय का घोड़ा रे

- सुभाष बोस


 

Sunday, February 12, 2023


प्रेम आजकल (वैलेंटाइन स्पेशल)
 प्रेम प्रेम हर कोई करे
प्रेम करे न कोय
पर्स जो खाली रहे कभी
पास  न कोई  होय l
बैक बैलेंस को देखकर
जो रिश्तों को ढोए
चार दिनों की चांदनी
फिर अंधियारा होय l 
समय बड़ा अनमोल है 
व्यर्थ न इसको गंवा
प्रेम रोग जो लग जाए 
मिले न कोई दवा l 
वेलेंटाइन डे के नाम पर
मची गंद चहूं ओर 
ऐसी काली रात है ये
जिसकी न होती भोर
अपनी सनातन संस्कृति
चले हैं पीछे छोड़
पश्चिमी फैशन को लिए
लगा रहे सब दौड़
- सुभाष

Sunday, October 16, 2022

 जिस घर में अहोई अष्टमी की, 

पूजन विधिपूर्वक होती है 

माँ अहोई की किरपा से आयु , 

संतान की लम्बी  होती है l

कार्तिक कृष्णपक्ष की अष्टमी को 

हर साल है आता  दिन पावन ,  

इस दिन माँ पार्वती जी की 

हर घर में जलती ज्योति  है  l

जिस घर...

 हर नारी अहोई मैया से ,

सन्तान का सुख बस मांगती है l

माता की करुणा  के आगे ,

सुख वैभव लगती छोटी है l

जिस घर...

गेरू से बना माँ की  तस्वीर 

रोली पुष्प दीप से पूजा करे 

गेहूं के दाने हाथ लिए 

सुने कथा जब प्रारम्भ होती है 

३) गेरू से बना माँ की  तस्वीर 

रोली पुष्प दीप से पूजा करे 

गेहूं के दाने हाथ लिए 

सुने कथा जब प्रारम्भ होती है 

सुभाष बोस

Saturday, July 23, 2022

 


वक़्त

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वक़्त बुरा जो आया तो सब, अनजाने हो गए
अपनों के शहर में आकर के, बेगाने हो गए।
बीच भँवर में डूबी नैया, भरी थी जो सपनों से
कसमें वादे प्यार वफ़ा ये , अफ़साने हो गए ।
पैसों से थे रिश्ते सारे, शोहरत से थी इज़्ज़त
प्रेम मदिरा से खाली अब, मयखाने हो गए
न खुशियाँ न उम्मीदें , ऐसा मन बदहाल हुआ
ज्यों राधा बिन सूने मथुरा, बरसाने हो गए।

Tuesday, May 31, 2022

तन्हा

 




तन्हा 


सुन ले सुन ले

 संतो की वाणी

तर जाएगा

 तू प्राणी l

मोह माया को  तज के

रे बन्दे, प्रभु नाम भज ले,

पार लगेगी तेरी नाव रे l

कर ले तू धरम,

मत रख ये  भरम

धन दौलत संग जाएगा l

न घोड़े हाथी,

 न संगी साथी

तू खाक तन्हा हो जाएगा l

सुभाष बोस 

उसk प्रेम की बातें

 उसK प्रेम की बातें *************** सफलता प्राप्ति के लिए लगन और मेहनत के बावजूद कई लोगों को अपनी काम पर यकीन नहीं   होता और वो किस्मत का दा...